Monday, 27 September 2021

क्या मनुष्य की यही पहचान

 

सड़क किनारे देखीं श्मशान 

भूल को खुद को हुआ हैरान

                            क्या मनुष्य की यही पहचान

दो गज जमीं के लिए लड़ता है

और अंत में यही आकर मरता है

थोड़ी सी तो खुद पे शर्म करो

ले दुनिया वाले आपका नाम 

कुछ तो ऐसी करम करो

 तोड़ देते हो रिश्ते नाते

क्या काम आता है तेरे जाते

भुला कर तुम अपनों को

मारते उनके सपनो को

बनाना चाहते अपनी पहचान

भूल को खुद को हुआ हैरान

               मैं पूछता तुमसे क्या करोगे बना कर अपनी झुठी पहचान

               जब आप गिरो दूसरे की नजरो में

               ख़तम हो जाये आपकी शान

               जीते जी लेते अपनों की जान

सड़क किनारे देखीं श्मशान 

भूल को खुद को हुआ हैरान, हुआ हैरान

             क्या मनुष्य की यही पहचान...

              क्या मनुष्य की यही पहचान!!!!!!!!!!!    

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