सड़क किनारे देखीं श्मशान
भूल को खुद को हुआ हैरान
क्या मनुष्य की यही पहचान
दो गज जमीं के लिए लड़ता है
और अंत में यही आकर मरता है
थोड़ी सी तो खुद पे शर्म करो
ले दुनिया वाले आपका नाम
कुछ तो ऐसी करम करो
तोड़ देते हो रिश्ते नाते
क्या काम आता है तेरे जाते
भुला कर तुम अपनों को
मारते उनके सपनो को
बनाना चाहते अपनी पहचान
भूल को खुद को हुआ हैरान
मैं पूछता तुमसे क्या करोगे बना कर अपनी झुठी पहचान
जब आप गिरो दूसरे की नजरो में
ख़तम हो जाये आपकी शान
जीते जी लेते अपनों की जान
सड़क किनारे देखीं श्मशान
भूल को खुद को हुआ हैरान, हुआ हैरान
क्या मनुष्य की यही पहचान...
क्या मनुष्य की यही पहचान!!!!!!!!!!!
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