दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। ....
आ जाओ संग बैठ के फिर से मज़ा पीते है
आ जाओ फिर से पुराने अंदाज़ में जीते है
दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। ....
यादे छोड़कर चले गये
दिल को तोड़ के चले गये
चाय की चुस्की लेते ही
यादे तुम्हारी आती है
दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। ....
फिर से आओ बाइक लाओ
हवा में लहराते है
दुश्मनों को जलाते हैं
एक दूजे से आगे जाते है
दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। ....
पल पल यादें करता हूँ
साथ घूमने को तरसता हूँ
तुम सारे चले आओ बैठ के मज़ा पीते है
आ जाओ फिर से पुराने अंदाज़ में जीते है
Sahi hai prince, keep it up
ReplyDeleteGood going prince 👍
ReplyDeleteTHANX...
ReplyDeleteTHANX...@RAJIV KUMAR
ReplyDeleteBeautiful !!
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