Tuesday, 27 June 2017

दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। ....

दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। .... 

आ जाओ संग बैठ के फिर से मज़ा पीते है 

आ जाओ फिर से पुराने अंदाज़ में जीते है 

दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। .... 

यादे छोड़कर चले गये 
दिल को तोड़ के चले गये 
चाय की चुस्की लेते ही 
यादे तुम्हारी आती है 
दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। ....

फिर से आओ बाइक लाओ 
हवा में लहराते है 
दुश्मनों को जलाते हैं 
एक दूजे से आगे जाते है 
दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। .... 

पल पल यादें करता हूँ 
साथ घूमने को तरसता हूँ 
तुम सारे चले आओ बैठ के मज़ा पीते है 
आ जाओ फिर से पुराने अंदाज़ में जीते है 

दोस्तों तुम फिर कब मिलोगे। .... 













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