मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हैं हमारा
पंखा चलाते ही
टाक पे बर्फ
जम जाता है तुम्हारा
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हैं हमारा
ये जो ठंड की शीतलहरी है
इसकी चुभन बहुत गहरी है
ये जो दिसंबर की रातें हैं
कहना चाहती बहुत सी बातें हैं
संभल जाओ ऐ राहगीर
ये वक़्त नहीं तुम्हारा है
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हमारा हैं
मत करो हमसे उलझने की भूल
वर्ना बन जाओगे किसी रास्ते की धूल
मिट जाना वजूद तुम्हारा है
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हमारा हैं। .......
बार बार कह रहा हूँ
मत आना कभी भी जोश में
ले लूंगा ठंड की आगोश में
ये दिसंबर माह हमारा है
ये वक़्त नहीं तुम्हारा है
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हमारा हैं ......... अंदाज़ हमारा है........ अंदाज़ हमारा है......
सुन ऐ दिसंबर माह
भले ही तू बंद कर मेरा राह
चीर के इस ठंड को
मै बनाऊंगा अपना राह
मुझे अब तुझसे टकराना है
नहीं इस ठंड से घबराना हैं
ये वक़्त भी हमारा हैं
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ भी हमारा है....... अंदाज़ भी हमारा है.......अंदाज़ भी हमारा है.......
पंखा चलाते ही
टाक पे बर्फ
जम जाता है तुम्हारा
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हैं हमारा
ये जो ठंड की शीतलहरी है
इसकी चुभन बहुत गहरी है
ये जो दिसंबर की रातें हैं
कहना चाहती बहुत सी बातें हैं
संभल जाओ ऐ राहगीर
ये वक़्त नहीं तुम्हारा है
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हमारा हैं
मत करो हमसे उलझने की भूल
वर्ना बन जाओगे किसी रास्ते की धूल
मिट जाना वजूद तुम्हारा है
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हमारा हैं। .......
बार बार कह रहा हूँ
मत आना कभी भी जोश में
ले लूंगा ठंड की आगोश में
ये दिसंबर माह हमारा है
ये वक़्त नहीं तुम्हारा है
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ हमारा हैं ......... अंदाज़ हमारा है........ अंदाज़ हमारा है......
सुन ऐ दिसंबर माह
भले ही तू बंद कर मेरा राह
चीर के इस ठंड को
मै बनाऊंगा अपना राह
मुझे अब तुझसे टकराना है
नहीं इस ठंड से घबराना हैं
ये वक़्त भी हमारा हैं
मिज़ाजे ठंड अंदाज़ भी हमारा है....... अंदाज़ भी हमारा है.......अंदाज़ भी हमारा है.......
Prince Kumar
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