Tuesday, 29 December 2020

फुटपाथ का परिंदा

फुटपाथ का परिंदा हूँ

उपरवाले का खुशकिस्मती है की मै जिन्दा हूँ
खाने को रोटी नहीं 
ना सर पे कोई साया है
नंगे बदन लेटा हूँ 
ये हमारी काया है
जालिम नजरे ढूंढ रही है 
क्या कोई मुसाफिर बाहर कम्बल लेकर आया है

फुटपाथ का परिंदा हूँ
उपरवाले का खुशकिस्मती है की मै जिन्दा हूँ
ये ठण्ड करे परेशान
नहीं है जीने की राह आसान 
भूखे प्यासे बच्चे मेरे 
छोटे उम्र को है नादान

फुटपाथ का परिंदा हूँ
उपरवाले का खुशकिस्मती है की मै जिन्दा हूँ
बदन पे मेरे कोई कपडे नहीं चलो ये कोई बात नहीं
बदन पे मेरे कोई कपडे नहीं चलो ये कोई बात नहीं 
ठण्ड से तड़प रहे बच्चो को कोई कपडे दिला दे 
मै पुछु ज़माने से क्या किसी की औकात नहीं??????
क्या किसी की औकात नहीं ?????



Friday, 14 August 2020

देश का प्यार, जय हिन्द जय भारत

 किन - किन ने भारत को किया नहीं परेशान

पर भारत ने नहीं छोड़ा अपना मुस्कान
भारत की धैर्य और साहस से सीखो
किसी भी परिस्थिति में किसी से मत बीको
 चाइना, नेपाल, पाकिस्तान तुम सुन
भारत की मधुर स्वर की धुन
भारत की जयकार की गाथा, विश्व गा रहा
भारत यथावत है और तुम पर काल मडरा रहा 
कोरोना काल में भी आजादी की उमंग देख
चेहरे की मुस्कान और आवाज़ों में दम देख






भारत माता की जय। जय हिन्द जय भारत।

Thursday, 14 May 2020

कोरोना तुम बेकार हो

कोरोना तुम बेकार हो
क्यों आये मेरे  देश में
आपदा के एक भेष में
तुमने हाहाकार मचाया
ना जाने कितने को मौत के घाट सुलाया
तुम्हारी मंसूबो का हमें पता नहीं
लगता तु चीन की एक चाल हैं
मचाया विश्व में हाहाकार हैं
बच्चे बूढ़े हो रहे तेरे शिकार हैं

बच्चो का तुमने बचपन लुटा
जवान का किया शिकार हैं
लोगो को घर में बैठाया
प्राकृतिक को वापस लौटाया
तुम्हारी मंसूबो का पता नहीं
किया हमे बेक़रार है
कोरोना तुम वापस जाओ
बच्चों को बचपना लौटाओ

अब हम हो रह रहे डरे डरे
लगता है हम हो गए मरे मरे
समझ नहीं आता क्या करे करे
अब तुम अपने घर को जाओ
हमारे ऊपर से बंदिशे हटाओ
ये जो तुम्हारा कहर है
लगता है एक जहर है

अब तुम अपने घर को जाओ
अब तुम अपने घर को जाओ
अब तुम हमें आजाद करो
मत हमारी जिंदगी बर्बाद करो


कोरोना तुम बेकार हो
कोरोना तुम बेकार हो..........

Saturday, 4 January 2020

*सफलता बोलता है*

।।।।  *सफलता बोलता है*|||

 
मुझे पाने को वक़्त पर,
करनी पड़ी लड़ाई।
मैं सफलता हूं,
किसी की हाथ यूं ही नहीं आई।
सारे गुण तेरे पास है,
जीत गए हो भाई।
कोई तुझे हराने को है,
चुप न बैठों भाई।
मैं सफलता हूं,
किसी की हाथ यूं ही नहीं आई।
तूने क्यूं किया पढ़ाई,
जो तूने शिक्षा नहीं पाई।
अपने अधिकार पाने को ,
जो तूने किया नहीं लड़ाई।
मैं सफलता हूं,
किसी की हाथ यूं ही नहीं आई

                 
       ।।।।।।।शुभ संध्या।।।।।।।